Narendra Tiwari
ये सट्टी ये सारी, ये पहाड़ की नारी,
ये धान ये हरियाली, ये खेत ये खुशहाली,
यूँ देखोगे कब तक, अगर पहाड़ हो गये खाली।
निर्मला बडथ्वाल
“हाथ में छालें मुख में हसीं
उत्तराखण्ड की शान तुम्हीं”
Shyam Joshi
हुडकी बोल रोपाई हमारे पहाड़ों का अहम हिस्सा इस कार्य में सबसे ज़्यादा भूमिका हमारी पहाड़ी महिलाओ की होती है जिन्हें दिन भर कमर को चोड़ी करके धान की रोपाई करनी होती है यह रोपाई मेने भी की जब हम बच्चपन में जाते थे खेतों में तो हमारा खेत की मेड़ बनाना होता था।
और वही पापा लोग खेतों की जुताई करते थे याद है अभी हमारे पास उस समय भाबर के बैल होते थे मोती और बिनु एक बार जब हुड़की बोल लगा तो सारे गांव के आस पास के लोग तक आये थे।
हुड़की बोल हुड़का बजाने वाला सबसे आगे होता है उसके बाद उसके साथ देना वाला जिसे कहते है हयोव लगाने वाला पीछे से जो महिलाये रोपाई करती है वो भी गीत गाती है।
वैसे तो हुडकी बोल के गीत बहुत सारे है
जय हो भूमि का भूमियाला दयो दिया बिदा हो।
निचे वाला गीत मुझे बेहद पसंद है।
कैसी गोडू में य गैला गजारा।
मैरो बिछुवा में लागि गो काचियारा।